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Up Board Exam 2023 : यूपी बोर्ड परीक्षा की टेंशन खत्म-यूपी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी महत्वपूर्ण प्रश्न 2023

Up Board Exam 2023 : यूपी बोर्ड परीक्षा की टेंशन खत्म-यूपी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी महत्वपूर्ण प्रश्न 2023

यूपी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी की महत्वपूर्ण प्रश्न 2023 – इस पोस्ट पर मैंने यूपी बोर्ड कक्षा 12वीं हिंदी का सभी महत्वपूर्ण प्रश्न को लेकर आया है आप इसको पूरा पढ़ लेते हैं तो आपकी यूपी बोर्ड परीक्षा 2030 में यहां से प्रश्न पूछे जा सकते हैं इसलिए आप यहां पर बताए गए सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों को जरूर तैयार कर लें और इसे तैयार करके ही अपने यूपी बोर्ड परीक्षा के पेपर में जाएं |

 

Up Board Exam 2023

UP Board Class 12th Hindi important question  –

समय : तीन घण्टे 15 मिनट

नोट : i) प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्नपत्र पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।

ii) इस प्रश्नपत्र में दो खण्ड हैं, दोनों खण्डों के सभी प्रश्नों के उत्तर देना आवश्यक है।

खण्ड- क

1. (क) ‘बाणभट्ट की आत्मकथा’ के लेखक हैं-

(a) महावीर प्रसाद द्विवेदी

(b) सरदार पूर्णसिंह

(c) वासुदेवशरण अग्रवाल

(d) हजारी प्रसाद द्विवेदी

उत्तर- (d) ‘बाणभट्ट की आत्मकथा’ उपन्यास के लेखक हजारी प्रसाद द्विवेदी है।

(ख) ‘शिक्षा का उद्देश्य’ निबंध के लेखक हैं-

(a) भारतेन्दु हरिश्चन्द्

(b) सम्पूर्णानंद

(c) मोहन राकेश

(d) रायकृष्ण दास

उत्तर – (b) शिक्षा का उद्देश्य’ निबंध के लेखक डॉ. सम्पूर्णानन्द जी हैं।

(ग) ‘कवि वचन सुधा’ पत्रिका के सम्पादक रहे हैं –

(a) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

(b) महावीरप्रसाद द्विवेदी

(c) प्रतापनारायण मिश्र

(d) हजारी प्रसाद द्विवेदी

उत्तर- (a) कवि वचन सुधा पत्रिका के सम्पादक भारतेन्दु हरिश्चन्द्र रहे हैं।

(घ) ‘चन्द्रगुप्त’ नाटक के लेखक हैं-

(a) रामकुमार वर्मा

(b) लक्ष्मीनारायण मिश्र

(c) जयशंकर प्रसाद

(d) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

उत्तर- (c) चन्द्रगुप्त नाटक के लेखक जयशंकर प्रसाद है। इस नाटक में ऐतिहासिक घटना नंदवंश का नाश हुआ है तथा चन्द्रगुप्त मौर्य की प्रतिष्ठा स्थापित हुई है।

(ङ) ‘रानी केतकी की कहानी’ के लेखक हैं-

(a) राम प्रसाद निरंजनी

(b) लल्लू लाल

(c) सदल मिश्र

(d) इंशा अल्ला खाँ

उत्तर- (d) रानी केतकी की कहानी के लेखक ईशा अल्ला खाँ है।

2. (क) ‘ विनय पत्रिका’ के रचनाकार हैं-

(a) तुलसीदास

(b) कबीरदास

(c) सूरदास

(d) जायसी

उत्तर- (a) विनय पत्रिका के रचनाकार तुलसीदास हैं। यह एक गीतिकाव्य है ।

(ख) ‘कामायनी’ किस युग की रचना है ?

(a) द्विवेदी युग

(b) छायावादोत्तर

(c) छायावादी युग

(d) भारतेन्दु-युग काल

उत्तर- (c) कामायनी छायावादी युग की रचना है।

(ग) निम्नलिखित में से छायावादोत्तर काल के कवि हैं।

(a) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

(b) मैथिलीशरण गुप्त

(c) राम नरेश त्रिपाठी

(d) शिवमंगल सिंह ‘सुमन’

उत्तर- (d) छायावादोत्तर काल के कवि शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ हैं।

(घ) हिन्दी साहित्य में किस काल को ‘श्रृंगार काल’ कहा जाता है?

(a) आदिकाल

(b) भक्तिकाल

(c) रीतिकाल

(d) आधुनिक काल

उत्तर- (c) हिन्दी साहित्य में रीतिकाल को श्रृंगार काल कहाजाता है।

(ङ) मोहन राकेश रचनाकार हैं?

(a) भारतेन्दु – युग के

(b) द्विवेदी युग के

(c) शुक्ल-युग

(d) शुक्लोत्तर – युग के

उत्तर- (d) मोहन राकेश शुक्लोत्तर युग के रचनाकार हैं।

3.दिये गये गद्यांश आधारित निम्नलिखित प्रश्नों का उत्त दीजिए :

धरती माता की कोख में जो अमूल्य निधियाँ भरी हैं,जिनके कारण वह वसुन्धरा कहलाती है उससे कौन परिचित न होना चाहेगा? लाखों-करोड़ों वर्षों से अनेक प्रकार की धातुओं | को पृथ्वी के गर्भ में पोषण मिला है। दिन-रात बहने वाली नदियों ने पहाड़ों को पीस पीसकर अगणित प्रकार की मिट्टियों से पृथ्वी की देह को सजाया है। हमारे भावी आर्थिक अभ्युदय के लिए इन सब की जाँच-पड़ताल अत्यन्त आवश्यक है।पृथ्वी की गोद में जन्म लेने वाले जड़-पत्थर कुशल शिल्पियों से सँवारे जाने पर अत्यन्त सौंदर्य के प्रतीक बन जाते हैं। नाना भाँति के अनगढ़ नग विन्ध्य की नदियों के प्रवाह में सूर्य की धूप से चिलकते रहते हैं, उनको जब चतुर कारीगर पहलदार कटाव पर लाते हैं तब उनके प्रत्येक घाट से नयी शोभा और सुन्दरता फूट पड़ती है, वे अनमोल हो जाते हैं

(i) अमूल्य निधियाँ कहाँ भरी हैं?

उत्तर – (i) लेखक के अनुसार हमारी धरती के गर्भ में अमूल्य निधियों भरी हैं।

(ii) पृथ्वी को वसुंधरा क्यों कहते हैं?

उत्तर – (ii) पृथ्वी को वसुंधरा इसलिए कहा जाता है क्योंकि पृथ्वी अनेक प्रकार के मूल्यवान रत्नों को अपने अन्दर धारण की हुई है।

(iii) पृथ्वी की देह को किसने सजाया है?

उत्तर – (iii) पृथ्वी की देह को पहाड़ों से बहने वाली नदियों और साथ ही साथ नदियों के साथ बहाकर लाने वाली उपजाऊँ मिट्टी और धरती पर उगने वाले सुन्दर वृक्ष, ये सभी वस्तुएँ धरती को सजाया संवारा है।

(iv) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।

ऊतर – (iv) लेखक कहते हैं, जब इन पत्थरों को कुशल कारीगर काटकर उनमें विभिन्न प्रकार के उभार देकर किसी कृति की रचना करते हैं, तो उसका प्रत्येक कटाव नये सौन्दर्य की परिभाषा गढ़ता है। इस सौन्दर्य के कारण वह अनगढ़ पत्थर बहुमूल्य बन जाता है।

(v) पाठ का शीर्षक और लेखक का नाम लिखिए।

उत्तर- (v) प्रस्तुत पद्यांश ‘डॉ. वासुदेवशरण अग्रवाल’ द्वारा लिखित ‘राष्ट्र का स्वरूप’ नामक निबन्ध से उद्धृत है।

अथवा

मैं खासतौर से युवा छात्रों से ही क्यों मिलता हूँ? इस सवाल का जवाब तलाशते हुए मैं अपने छात्र जीवन के दिनों के बारे में सोचने लगा। रामेश्वरम के द्वीप से बाहर निकल कर यह कितनी लम्बी यात्रा रही पीछे मुड़कर देखता हूँ तो विश्वास नहीं होता। आखिर वह क्या था जिसके कारण यह संभव हो सका? महत्वाकांक्षा ? कई बातें मेरे दिमाग में आती हैं। मेरा ख्याल है कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि मैंने अपने योगदान के मुताबिक ही अपना मूल्य आँका बुनियादी बात जो आपको समझनी चाहिए वह यह है कि आप जीवन की अच्छी चींजों को पाने का हक रखते हैं, उनका जो ईश्वर की दी हुई है। जब तक हमारे विद्यार्थियों और युवाओं को यह भरोसा नहीं होगा कि वे विकसित भारत के नागरिक बनने के योग्य हैं तब तक वे जिम्मेदार और ज्ञानवान नागरिक भी कैसे बन सकेंगे

(i) लेखक युवा छात्रों से ही क्यों मिलता है?

उत्तर – (i) लेखक युवा छात्रों से इसलिये मिलते थे ताकि वे को उनके जीवन का सही अर्थ समझा सके उन्हें बताते थे कि युवा छात्रों वे अपने जीवन में उन्नति के रास्ते पर आगे बढ़े जीवन में अच्छी चीजों को पाने का हक रखे जो ईश्वर की दी हुई है।

(ii) आप किन चीजों के पाने का हक रखते हैं?

उत्तर – (ii)आप जीवन की अच्छी चीजों को पाने का हक रखते हैं, उनको जो ईश्वर की दी हुई है।

(iii) उपयुक्त पंक्तियों से क्या प्रेरणा मिलती है?

उत्तर – (iii) उपयुक्त पंक्तियों में लेखक छात्रों से मिलकर उनके स्वरूप एवं ‘आदर्शों के बारे में समझाते हैं और युवा छात्रों को स्वयं पर विश्वास करना, स्वयं जिम्मेदार और ज्ञानवान बनने की प्रेरणा , मिलती है।

(iv) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।

उत्तर – (iv) लेखक युवाओं को इस भरोसा और आत्मविश्वास से भरपूर कर देना चाहते हैं ताकि आगे आने वाले समय में भारत के नागरिक के रूप में जब आज की युवा पीढ़ी आये तो भारत का एक जिम्मेदार और ज्ञान से भरपूर नागरिकों से परिचय कराने को मिले और देश विकास की ओर बढ़े।

(v) पाठ का शीर्षक और लेखक का नाम लिखिए।

उत्तर – (v) प्रस्तुत गद्यांश के लेखक ‘डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम’ जी हैं। इनके पाठ का नाम ‘हम और हमारे आदर्श’ हैं।

4. दिये गये पद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर दीजिए ।

नीले फूले कलम दल-सी गात की श्यामता है।

पीला प्यारा वसन कटि में पैन्हते हैं फबीला।

छूटी काली अलक मुख की कान्ति को है बढ़ाती ।

सवस्त्रों में नवल तन की फूटती-सी प्रभा हैं।

साँचे ढाला सकल व है दिव्य सौन्दर्यशाली ।

सत्पुष्पों-सी सुरभि उसकी प्राण संपोषिका है।

दोनों कंधे वृषभ-वर से हैं बड़े ही सजीले ।

लम्बी बाँहें कलम कर सी शक्ति की पेटिका है।

(i) राधा पवन से कृष्ण को पहचानने का क्या उपाय बताती है?

उत्तर – (i) राधा, पवन से कहती है, हे पवन! कृष्ण सांवले रंग के हैं और वे अपनी कमर पर पीला वस्त्र धारण किये रहते हैं उनके माथे पर लटकती बालों की एक लट उनके मुख की शोभा में वृद्धि करती है ये सभी गुण आप को कृष्ण की ओर आकर्षित करेगा।

(ii) ‘अलक’ तथा ‘सकल’ शब्द का अर्थ लिखिए।

उत्तर – (ii) ‘अलक’ का अर्थ निराकार से है और ‘सकल’ का अर्थ समस्त या कुल होता है।

(iii) ‘कलम कर सी’ में कौन-सा अलंकार है?

उत्तर – (iii) कलभ-कर-सी में उपमा अलंकार है ।

(iv) रेखांकित अंश का भावार्थ लिखिए।

उत्तर – (iv) राधिका कहती है कि हे पवन! कृष्ण के दोनों कन्धे श्रेष्ठ सांड़ के कन्धे के समान विशाल और बलिष्ठ हैं, उनकी दोनों भुजाएँ हाथी की सुंड के समान शक्ति की पिटारी हैं।

(v) पाठ का शीर्षक और कवि का नाम लिखिए।

उत्तर- (v) प्रस्तुत काव्य पंक्तियां अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ जी द्वारा ‘पवन- दूतिका’ में लिखी गयी है।

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