कक्षा – 11 जीवविज्ञान , अध्याय – 4,NCERT CLASS 11TH ,CHAPTER – 4, part -5,FULL HAND WRITTEN NOTES

 

 

कक्षा – 11 जीवविज्ञान , अध्याय – 4,NCERT CLASS 11TH ,CHAPTER – 4, part -5,FULL HAND WRITTEN NOTES

(3) वर्ग- एवीज (पक्षी) (Class- Aves)- एवीज का मुख्य लक्षण शरीर के ऊपर पंखों ( feathers) की उपस्थिति तथा उड़ने की क्षमता है। (कुछ नहीं उड़ने वाले पक्षी जैसे ऑस्ट्रिच शुतुरमुर्ग को छोड़कर)। इनके कुछ लक्षण निम्न हैं

1. इनमे चोंच (beak) पाई जाती हैं।

2. अग्रपाद (forelimb) रूपान्तरित होकर पंख (wings) बनाते है। पश्चपाद में सामान्यतः शल्क होते हैं जो रूपान्तरित होकर चलने, तैरने तथा पेड़ों की शाखाओं को पकड़ने में सहायता करते हैं।

3. अन्तः कंकाल की लम्बी अस्थियाँ खोखली होती हैं तथा वायुकोष्ठ (air cavities) युक्त होती हैं।

4. इनमे पाचन पथ में सहायक संरचना क्राप (crop) तथा पेषणी (gizzard) होती है।

5. हृदय पूर्ण चार प्रकोष्ठ (four chambered) का बना होता है।

6. ये समतापी (homoiothermous) होते हैं, अर्थात इनके शरीर का ताप नियन्त्रण बना रहता है। श्वसन फुफ्फुस ( lungs) के व्दारा होता है। वायुकोष फुफ्फुस से जुड़कर सहायक श्वसन अंग का निर्माण करता है।

7. धड़ से एक छोटी पूँछ लगी रहती है।

8. जबड़ों में दांत नही होते तथा ये श्रृंगी (horny) होते हैं।

9. अंगुलियाँ नखरयुक्त (clawed) होती हैं।

10. जननछिद्र गुदा से पृथक नही होता |

11. मादा की बायीं अण्डवाहिनी (left oviduct) अधिक विकसित रहती है।

12. ये अण्डज होते हैं।

उदाहरण- (i) मयूर-मयूरी, (ii) काकोतुआ, (iii) बाज, (iv) चील, (v) शुतुरमुर्ग (vi) तोता, (vii) मोर इत्यादि |

(4) वर्ग- स्तनधारी (Class Mammalia)-

इस वर्ग के प्राणी सभी प्रकार के वातावरण में पाए जाते हैं जैसे- ध्रुवीय ठंडे भाग, रेगिस्तान, जंगल, घास के मैदान तथा अँधेरी गुफाओं में। इनमें से कुछ उड़ने तथा पानी में रहने के अनुकूल होते हैं। स्तनधारियों का सबसे मुख्य लक्षण दूध उत्पन्न करने वाली ग्रंथि (स्तन ग्रंथि) है जिनसे बच्चे पोषण प्राप्त करते हैं। इनके मुख्य लक्षण निम्न हैं

1. इनमें दो जोड़ी पाद होते हैं, जो चलने-दौड़ने, वृक्ष पर चढ़ने के लिए, बिल में रहने के लिए, तैरने अथवा उड़ने के लिए अनुकूलित होते हैं। इनकी त्वचा पर रोम (hairs) पाए जाते हैं।

2. बाह्य कर्णपल्लव (pinnae) पाए जाते हैं।

3. जबड़े में विभिन्न प्रकार के दांत होते हैं, जो मसूड़ों की गर्तिका में लगे होते हैं।

4. हृदय चार प्रकोष्ठ (four chambered) होता है।

5. श्वसन की क्रिया फेफड़ों (lungs) तथा डायाफ्राम व्दारा होती है।

6. लिंग अलग-अलग होते हैं तथा निषेचन आंतरिक होता है। कुछ को छोड़कर सभी स्तनधारी बच्चे को जन्म देते हैं (जरायुज Viviparous) तथा परिवर्धन प्रत्यक्ष होता है।

6. ये नियततापी (homolothermic or warm-blooded) जंतु हैं, अर्थात इनके शरीर का ताप बाहरी वातावरण के तापमान परिवर्तन के साथ नही बदलता व्हेल और समुद्री गायों (sea cows) को छोड़कर सभी चार पाद वाले होते हैं। शरीर में सिर, ग्रीवा और धड़ होते हैं। अधिकाँश जंतुओं में छोटी या बड़ी एक पूँछ होती है।

7. त्वचा में स्वेद (Sweat gland) या दुग्ध ग्रंथियाँ (mammary glands) होती हैं। ये ग्रंथियाँ रुपान्तरित त्वचीय ग्रंथियाँ हैं।

8. शरीरगुहा एक मांसल तनपुट (diaphragm ) व्दारा दो भागों में विभक्त होती है- (i). वक्षीय गुहा, जिसमें हृदय एवं फुफ्फुस होते हैं तथा (ii) उदरीय गुहा, जिसमें अन्य अंग होते हैं।

9. दांत जबड़ो के गड्ढों (socket) में स्थित होते हैं। सामान्यतः दांतों के दो अनुक्रम होते हैं- दूध के दांत (milk teeth) और स्थाई दांत (permanent teeth)| इस प्रकार, स्तनधारी जंतु व्दिबारदन्ती ( diphyodont) होते हैं। दांत प्रायः चार प्रकार के होते हैं- कृन्तक ( incisors) काटने के लिए, भेदक (canine)- मांस काटने के लिए, अग्रचवर्णक (premolar) और चवर्णक (molars) चबाने एवं पीसने के लिए। इस प्रकार, स्तनधारी विषमदन्ती (heterodont) भी होते हैं।

10. आहारनाल और मूत्रजननवाहिनियों के छिद्र अलग-अलग होते हैं।

11. स्वरयंत्र ( larynx) में स्वर रज्जु (vocal cords) होती है।

12. बारह जोड़ी कपाल तंत्रिकाएं (cranial nerves) होती हैं।

13. सात ग्रीवा कशेरुक होते हैं तथा कशेरुक मूल के दोनों सिरे चपटे होते हैं।

 

उदाहरण- अण्डज (यानी अंडे देने वाला स्तनधारी)- आर्नियोरिंकस (प्लैटिपस या डकबिल), जरायुज (यानी बच्चे पैदा करने वाला स्तन मैक्रोपस ( कंगारू), फेलिस (बिल्ली), एलिफस (हाथी), इक्वस (घोड़ा), वैलेनिप्टेरा (ब्लू व्हेल), पैन्थेरा लियो (शेर), चमगादड़ |