यूपी बोर्ड 2023

Class 10th सामाजिक विज्ञान सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण प्रश्न,यूपी बोर्ड

Class 10th सामाजिक विज्ञान सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण प्रश्न,यूपी बोर्डयूपी बोर्ड 2023

यूपी बोर्ड में 95%आने वाले क्वेश्चंस 

प्रश्न 1. जब सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ उस समय किन समुदायों के बीच संदेह और अविश्वास का माहौल बना हुआ था?

उत्तर- जब सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ उस समय कुछ मुस्लिम समुदायों के बीच संदेह और अविश्वास का माहौल बना हुआ था। कांग्रेस से कटे हुए मुसलमानों का बड़ा वर्ग किसी संयुक्त संघर्ष के लिए तैयार नहीं था । बहुत सारे मुस्लिम नेता और बुद्धिजीवी भारत में अल्पसंख्यकों के रूप में मुसलमानों की हैसियत को लेकर चिंता जता रहे थे। उनको भय था कि हिंदू बहुसंख्यक के वर्चस्व की स्थिति में अल्पसंख्यकों की संस्कृति और पहचान खो जाएगी।

प्रश्न 2. लोगों को एकजुट करने में झंडे का क्या योगदान था ?

उत्तर- राष्ट्रवादी नेता लोगों को एकजुट करने के लिए बंगाल में स्वदेशी आंदोलन के दौरान एक तिरंगा झंडा (हरा, पीला, लाल) तैयार किया गया। इसमें ब्रिटिश भारत के आठ प्रांतों का प्रतिनिधित्व करते कमल के आठ फूल और हिंदुओं व मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करता एक अर्द्धचंद्र दर्शाया गया था। 1921 तक गांधी जी ने भी तिरंगा सफेद, हरा और लाल, जिसके मध्य में चरखा था, तैयार कर लिया था। जुलूसों में यह झंडा थामे शासन के प्रति अवज्ञा का संकेत था।

यूपी बोर्ड 2023
यूपी बोर्ड 2023
प्रश्न 3. स्वदेशी आंदोलन की प्रेरणा से अबनीन्द्रनाथ टैगोर ने भारत माता की विख्यात छवि को किस प्रकार चित्रित किया?

उत्तर- इस पेंटिंग में भारत माता को एक संन्यासिनी के रूप में दर्शाया गया है। वह शांत, गंभीर, दैवी और आध्यात्मिक गुणों से युक्त दिखाई देती है। इस मातृछवि के प्रति श्रद्धा को राष्ट्रवाद में आस्था का प्रतीक माना जाने लगा।

प्रश्न 4. गांधी-इरविन समझौता कब हुआ? इसकी कोई एक शर्त बताइए। उत्तर- 5 मार्च, 1931 को गांधी जी और इरविन के बीच समझौता हुआ था। इस समझौते में सरकार ने वचन दिया कि हिंसा के आरोप में गिरफ्तार लोगों को छोड़कर सभी राजनीतिक बंदी रिहा कर दिए जाएँगे।

प्रश्न 5.’नर्मदा बचाओ आंदोलन’ से आप क्या समझते हैं?

उत्तर- कुछ सामाजिक संगठन बहुउद्देशीय नदी परियोजनाओं का विरोध कर रहे हैं। इसमें एक आंदोलन ‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ है। यह आंदोलन एक गैर सरकारी संगठन द्वारा चलाया जा रहा है जो जनजातीय लोगों, किसानों, पर्यावरणविदों और मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं को गुजरात में नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बाँध के विरोध में लामबंद करता है। मूल रूप से शुरू में यह आंदोलन जंगलों के बाँध के पानी में डूबने जैसे मुद्दों पर केन्द्रित था। हाल ही में इस आंदोलन का लक्ष्य बाँध से विस्थापित गरीब लोगों को सरकार से संपूर्ण पुनर्वास सुविधाएँ दिलाना हो गया है।

प्रश्न 6.प्राचीन काल के जल संग्रहण के साक्ष्यों पर प्रकाश डालिए ।

उत्तर- पुरातत्त्व व ऐतिहासिक अभिलेख/दस्तावेज बताते हैं कि हमने प्राचीन काल से ही सिंचाई के लिए पत्थरों और मलबे से बाँध, जलाशय या झीलों के तटबंध और नहरों जैसी सर्वश्रेष्ठ जलीय कृतियाँ बनाई हैं, जो निम्नलिखित हैं-

  1. (i) ईसा से एक शताब्दी पहले इलाहाबाद के नजदीक श्रृिंगवेरा में गंगा नदी की बाढ़ के जल को संरक्षित करने के लिए एक उत्कृष्ट जल संग्रहण तंत्र बनाया गया था।
    प्रश्न 7. लोकतंत्रीय देशों में सामाजिक विभाजन का क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर- लोकतंत्र में विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच प्रतिद्वन्द्विता का माहौल होता है। इस प्रतिद्वन्द्विता के कारण कोई भी समाज फूट का शिकार बन सकता है। अगर राजनीतिक दल समाज में मौजूद विभाजनों के हिसाब से राजनीतिक होड़ करने लगें तो इससे सामाजिक विभाजन राजनीतिक विभाजन में बदल सकता है और ऐसे में देश विखंडन की तरफ जा सकता है। ऐसा कई देशों में हो चुका है। किंतु सच्चाई यह है कि राजनीति में सामाजिक विभाजन की हर अभिव्यक्ति फूट पैदा नहीं करती। कई देशों में ऐसी पार्टियाँ हैं जो सिर्फ़ एक ही समुदाय पर ध्यान देती हैं और उसी के हित में राजनीति करती हैं पर इन सबकी परिणति देश के विखंडन में नहीं होती।

प्रश्न 8.सामाजिक अंतर कब और कैसे सामाजिक विभाजनों का रूप ले लेते हैं?

(NCERT)
उत्तर-हर सामाजिक भिन्नता सामाजिक विभाजन का रूप नहीं लेती। सामाजिक अंतर लोगों के बीच बँटवारे का एक बड़ा कारण ज़रूर होता है किंतु यही अंतर कई बार अलग-अलग तरह के लोगों के बीच पुल का काम भी करती है। सामाजिक विभाजन तब होता है जब कुछ सामाजिक अंतर दूसरी अनेक विभिन्नताओं से ऊपर और बड़े हो जाते हैं। अमेरिका में श्वेत और अश्वेत का अंतर एक सामाजिक विभाजन भी बन जाता है क्योंकि अश्वेत लोग आमतौर पर गरीब हैं, बेघर हैं, भेदभाव के शिकार हैं। हमारे देश में भी दलित आमतौर पर गरीब और भूमिहीन हैं। उन्हें भी अक्सर भेदभाव और अन्याय का शिकार होना पड़ता है। जब एक तरह का सामाजिक अंतर अन्य अंतरों से ज्यादा महत्त्वपूर्ण बन जाता है और लोगों को यह महसूस होने लगता है कि वे दूसरे समुदाय के हैं तो इससे एक सामाजिक विभाजन की स्थिति पैदा होती है।

प्रश्न 9.”विदेश व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों के एकीकरण में सहायक रहा है।” इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
या विदेशी व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों के एकीकरण में किस प्रकार सहायता करता है? संक्षेप में समझाइए ।

(2020)
या विदेशी व्यापार से आप क्या समझते हैं? इसके लाभों का वर्णन कीजिए।

(2020)
उत्तर- दो या दो से अधिक देशों के बीच होने वाले व्यापार को विदेशी व्यापार कहते हैं। दूसरे शब्दों में, विदेशी व्यापार से तात्पर्य दो या दो से अधिक देशों में वस्तुओं तथा सेवाओं के विनिमय से है। इसमें आयात तथा निर्यात शामिल है।

विदेश व्यापार घरेलू बाजारों अर्थात् देश के बाजारों से बाहर के बाजारों में पहुँचने के लिए उत्पादकों को एक अवसर प्रदान करता है। उत्पादक केवल अपने देश के बाजारों में ही अपने उत्पाद नहीं बेचते हैं बल्कि विश्व के अन्य देशों के बाजारों में भी प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। इस प्रकार, दूसरे देशों में उत्पादित वस्तुओं के आयात से खरीददारों के समक्ष उन वस्तुओं के विकल्पों का विस्तार होता है जिनका घरेलू उत्पादन होता है। बाजार में वस्तुओं के विकल्प बढ़ जाते हैं। दो बाजारों में एक ही वस्तु का मूल्य एक समान होता है। अब दो देशों के उत्पादक एक-दूसरे से हजारों मील दूर होकर भी एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। इस प्रकार, विदेश व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों को जोड़ने या एकीकरण में सहायक हुआ है।

प्रश्न 11. सन् 1991 में भारत सरकार द्वारा आर्थिक क्षेत्र में क्या परिवर्तन किए गए?

उत्तर- सन् 1991 के प्रारंभ में भारत सरकार द्वारा आर्थिक नीतियों में दूरगामी परिवर्तन किए गए। सरकार ने निश्चय किया कि भारतीय उत्पादकों को विश्व के उत्पादकों से प्रतिस्पर्धा करनी होगी। यह महसूस किया गया कि प्रतिस्पर्धा से देश के उत्पादकों के प्रदर्शन में सुधार होगा क्योंकि वे अपनी गुणवत्ता में सुधार करेंगे। इसलिए विदेश व्यापार एवं विदेशी निवेश पर से अवरोधकों को काफी हद तक हटा दिया गया। सरकार द्वारा अवरोधकों को हटाने की प्रक्रिया को उदारीकरण कहते हैं। आर्थिक क्षेत्र में उदारीकरण और निजीकरण की नीतियों को अपनाकर भारत की अर्थव्यवस्था को विश्व के अन्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं से जोड़ने का प्रयास किया गया।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *