Up Board Class 11 Biology Chapter 1 Hand Written Notes - NCERT Class 11 Biology Chapter 1 Notes in Hindi - कक्षा 11 जीव विज्ञान जीव जगत नोट्स - Part 3

Up Board Class 11 Biology Chapter 1 Hand Written Notes – NCERT Class 11 Biology Chapter 1 Notes in Hindi – कक्षा 11 जीव विज्ञान जीव जगत नोट्स – Part 3

Up Board Class 11 Biology Chapter 1 Hand Written Notes – NCERT Class 11 Biology Chapter 1 Notes in Hindi – कक्षा 11 जीव विज्ञान जीव जगत नोट्स – Part 3

Up Board Class 11 Biology Chapter 1 Hand Written Notes - NCERT Class 11 Biology Chapter 1 Notes in Hindi - कक्षा 11 जीव विज्ञान जीव जगत नोट्स - Part 3

जाति (Species) –

वर्गिकी अध्ययन में जीवों का वह समूह जिसमें मौलिक समानता होती है, जाति कहलाती है। हम किसी भी जाति को उसके समीपस्थ सम्बन्धित जाति से उनके आकारिकी विभिन्नता के आधार पर एक-दूसरे से अलग कर सकते हैं। हम इसके लिए मैंजीफेरा इंडिका (आम), सोलेनम ट्युबेरोसम (आलू) तथा पँथेरा लिओ (शेर) के उदाहरण लेते हैं। इन सभी तीनों नामों में इंडिका, ट्युबेरोसम तथा लिओ जाति हैं जबकि पहले शब्द मैंजीफेरा, सोलेनम तथा पँथेरा वंश के नाम है और यह टेक्सा (taxon) अथवा संवर्ग (category) का भी निरूपण करते हैं। प्रत्येक वंश में एक या एक से अधिक जाति हो सकती है जो विभिन्न जीवों, जिनमें आकारिकीय गुण समान हो, को दिखाती हैं। उदाहरणार्थ पॅथेरा में पारडस और टिगरिस जातियाँ आती हैं। सोलेनम वंश में नाइग्रिस, मेलांजेना भी आती है। मानव की जाति सेपियन्स है, जो होमो वंश में आती है। इसलिए मानव का वैज्ञानिक नाम होमो सेपियन्स है।

वंश ( Genus) –

वंश से सम्बन्धित जाति का एक समूह आता है जिसमें जाति के गुण अन्य वंश में स्थित जाति की तुलना में समान होते हैं। उदाहरणार्थ- आलू, टमाटर तथा बैंगन; ये तीनों अलग-अलग जाति हैं, लेकिन ये सभी सोलेनम वंश में आती हैं। शेर (पॅथेरा लिओ), चीता (पेथेरा पारडस) तथा बाघ (पँथेरा टिगरिस) जिनमे बहुत से समान गुण हैं, वे सभी पेंथरा वंश में आते हैं। यह वंश दूसरे वंश फेलिस, जिसमें बिल्ली आती हैं, से भिन्न है।

कुल (Family) –

अगला संदर्ग कुल है जिसमें सम्बन्धित वंश आते हैं। कुल के वर्गीकरण का आधार पौधों के कायिक तथा जनन गुण हैं। उदाहरणार्थ पौधों के तीन विभिन्न वंश सोलेनम पिटूनिआ तथा धतूरा को सोलेनेसी कुल में रखते हैं जबकि प्राणी वंश पँथेरा जिसमें शेर, बाघ, चीता आते हैं को फेलिस (बिल्ली) के साथ फेलिडी कुल में रखते हैं। इसी प्रकार, यदि आप कुत्ते तथा बिल्ली के लक्षणों को देखें टो आपको दोनों में कुछ समानताएँ तथा कुछ विभिन्नताएँ दिखाई पड़ेंगी। उन्हें क्रमशः दो विभिन्न कुलों कैनिडी तथा फेलिडी में रखा गया है।

गण ( Order) –

गण में उच्चतर वर्ग होने के कारण कुलों के समूह होते हैंजिनके कुछ लक्षण एक समान होते हैं। पादप कुल जैसे कोनवोलव्युलेसी, सोलेनेसी को पॉलीमोनिएल्स गण में रखा गया है। इसका मुख्य आधार पुष्पी लक्षण है जबकि प्राणियों के कार्नीवोरा गण में फैलिडी तथा कैनिडी कुलों को रखा गया है।

वर्ग (Class) –

इस संवर्ग में सम्बंधित गण आते हैं। उदाहरणार्थ प्राइमेटा गण जिसमें बन्दर गोरिल्ला तथा गिब्बन आते हैं, और कार्नीवोरा गण जिसमें बाघ बिल्ली तथा कुत्ता आते हैं, को मैमेलिया वर्ग में रखा गया है।

संघ (Phylum) –

वर्ग जिसमें जन्तु जैसे मछली, उभयचर, सरीसृप, पक्षी तथा स्तनधारी आते हैं, अगले उच्चतर संवर्ग, जिसे संघ कहते हैं. का निर्माण करते हैं। इन सभी को एक समान गुणों जैसे पृष्ठरज्जू (Notocord) तथा पृष्ठीय खोखला तंत्रिका तन्त्र (dorsal hollow neural system) के होने के आधार पर कार्डेटा संघ में रखा गया है। पौधों में इन वर्गों, जिसमें कुछ ही एक समान लक्षण होते हैं, को उच्चतर संवर्ग भाग (division) में रखा गया है।

जगत (Kingdom) –

जन्तु के वर्गिकी तंत्र में विभिन्न संघों के सभी प्राणियों को उच्चतम संवर्ग जगत में रखा गया है जबकि पादप जगत में विभिन्न भाग (division) के सभी पौधों को रखा गया है। विभिन्न संघों के सभी प्राणियों को एक अलग जगत ऐनिमेलिया में रखा गया है जिससे कि उन्हें पौधों से अलग किया जा सके। पौधों को प्लान्टी जगत में रखा गया है।

वर्गिकी के अध्ययन हेतु साधन (Taxonomical aids) –

किस सजीव का जाति की पहचान करके उसका नामकरण व वर्गीकरण करने हेतु पहले से एकत्रित सूचनाओं व नमूनों (specimens) की आवश्यकता होती है तथा जातियों की पहचान के बाद भी इन्हें नमूनों के रूप में स्पष्टीकरण (explanation) हेतु संरक्षित, एकत्रित करना आवश्यक होता है। इसलिए इन्हें संचय गृह अथवा संग्रहालय में संरक्षित रखते हैं। ये संरक्षित नमूने सजीवों की पहचान तथा वर्गीकरण में सहायक होते हैं। इन्हें वर्गीकरण साधन (taxonomical tools) कहते हैं। वन्य प्राणियों का संरक्षण चिड़ियाघर में किया जाता है। वनस्पतियों का नामकरण, पहचान और वर्गीकरण के लिए वनस्पति संग्रहालय (Herbarium) तथा पादप उद्यान (botanical garden) प्रमुख साधन है।

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